जीवंत हुई ग्राम्य संस्कृति
जालोर। शीतला सप्तमी के उपलक्ष्य में मंगलवार से शुरू हुए दो दिवसीय मेले के पहले दिन ग्राम्य संस्कृति की झलक के साथ-साथ शीतला माता के प्रति आस्था नजर आई।जिलेभर से उमडे हजारों श्रद्धालुओं की भीड दिन भर माता के दर्शनों के लिए बेताब नजर आई। ग्राम्यांचलों से उमडी हजारों की भीड का देहाती वेश शहरी संस्कृति पर भारी नजर आया।मेले में सबुह से ही भीड जुटनी शुय हो गई थीं। लोगों ने शीतला माता की पूजा-अर्चना तथा प्रसादी चढाकर माता के समक्ष शीश नवाकर खुशहाली की कामना की। ज्यों-ज्यों दिन चढता गया मेला परिसर में लोगों की संख्या भी बढनी शुरू हो गई।
दोपहर होते-होते मेला परवान पर चढ गया। तेज धूप तथा गर्मी के बावजूद लोगों ने लाइन में खडे रहकर शीतला माता के दर्शन किए। मेले में आए हजारों लोगों की भीड को नियंत्रित करने के लिए तैनात पुलिस कर्मी दिन भर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मशक्कत करते रहे। मेले में अपने परिवार जनों के साथ आए बच्चों ने दिन भर कुल्फी, आइसक्रीम तथा अन्य वस्तुएं खाने का लुत्फ उठाया।
बच्चों ने मेले में आई बांसुरी, खिलौने, गुब्बारों सहित कई प्रकार के खिलौने खरीदे। गांवों से आए युवकों ने मेले में आई सजाई गई लाठियों को खरीदा तो कईयों ने अन्य सामान।महिलाओं तथा युवतियों ने बिंदी, झूमके तथा अन्य सौन्दर्य प्रसाधन का सामान खरीदा। मेला परिसर में विभिन्न वस्तुओं की कई दुकानें लगी हुई थी, जहां पर खरीदारी करने वालों की दिन भर भीड लगी रही।
गीत गाते पहुंचे लोग
मेले में सुबह से विभिन्न गांवों के लोग टै्रक्टर ट्रोलियों में सजधज कर परम्परागत वेशभूषा में पहुंचे। गांवों के लोग अपने अपने परिजनों के साथ ट्रैक्टरों में पहुंचे तो सडक पर टै्रक्टरों की लाइन लग गई। ट्रोली में बैठी महिलाएं माता के गीत गा रही थी तो युवक माता के जयकारे लगा रहे थे। गर्मी के चलते कई महिलाओं ने ओढने से छाया भी कर रखी थी।
शीतल शर्बत की व्यवस्था
मेले में गर्मी को देखते हुए विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं की ओर से लोगों के बैठने के लिए छाया तथा शीतल जल व शर्बत की व्यवस्था की गई थी। जहां पर लोगों ने अपनी प्यास बुझाई। कई लोगों ने गलियों में भी लोगों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था की। स्काउटस् कैडेटस् ने भी मेले में व्यवस्थाओं में योगदान दिया।
गेर नृत्य ने मन मोहा
मेला परिसर में विभिन्न गांवों से आए गेरियों ने घुंघरू बांध गीतों पर थिरक कर अपनी कला दिखाई। कई लोगों ने एकल नृत्य कर लोगों का मनोरंजन किया। गेर नृत्य को देखने के लिए लोगों की भारी भीड उमडी।
खरीदा गन्ना
मेले में आने वाले लगभग सभी श्रद्धालुओं ने गन्ना जरूर खरीदा। गन्ना खरीद रहे एक व्यक्ति ने बताया कि गन्ना मेले की पहचान होती है। घर पर मालूम तो रहेगा कि गन्ना है तो मेले में जाकर आए हैं।
कहीं मनाई तो कहीं आज मनेगी शीतला सप्तमी
जिले में कई जगह शीतला सप्तमी का पर्व मंगलवार को मनाया गया तो कहीं बुधवार को मनाया जाएगा। मंगलवार को मनाने वालों में शीतला माता की पूजा अर्चना कर दिनभर ठंडा भोजन ग्रहण किया तो बुधवार को शीतला सप्तमी मानने वालों ने मंगलवार को भोजन तैयार करने में दिन बिताया। मंगलवार को अलसुबह महिलाओं ने जल्दी उठकर शीतला माता को बासोडा का भोग लगाकर दिनचर्या की शुरूआत की। जिले में मंगलवार को शीतला सप्तमी के तहत जिले में कई जगह मेले भरे।
दिन भर लोगों ने अपने घरों में सोमवार शाम बनाए गए ठंडे भोजन से ही अपनी भूख मिटाई। लोगों ने मंगलवार को दिन भर अपने घरों में चूल्हों को ठंडा रखा। इससे पूर्व महिलाओं ने घरों में शीतला माता की पूजा अर्चना कर अपनी-अपनी गलियों तथा मोहल्लों में एक स्थान पर पवित्र जल तथा गेहंू के कण लेकर झुण्ड के रूप में एकत्र होकर बाद शीतला माता की कथा सुनी।
भीनमाल। शीतला सप्तमी के उपलक्ष्य में मंगलवार को घरों में बुधवार के लिए भोजन पकाने का दौर चला। शीतला सप्तमी को लेकर असमंजसता के चलते अघिकांश जगहों पर बुधवार को शीतला सप्तमी मनाई जानी है। मंगलवार को शीतला सप्तमी का सरकारी अवकाश होने से नौकरीपेशा महिलाओं का काफी सुविधा रही। स्थानीय चण्डीनाथ महादेव मंदिर में बुधवार को शीतला माता की पूजा की जाएगी।
मोदरा। क्षेत्र के कई गांवों मंगलवार को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया गया। ठण्डा भोजन खाया तथा शीतला माता की पूजा अर्चना की गई। कुछ जगहों पर बुधवार को शीतला सप्तमी मनाई जाएगी।
बागरा। शीतला सप्तमी को लेकर मंगलवार को गांवो में मेलों का आयोजन किया गया। इस दिन लोगों ने दिन भर ठंडा भोजन किया। शीतला सप्तमी के दिन गृहणियों ने एक दिन पूर्व भोजन बनाकर शीतला माता को भोग लगाया। शीतला माता के दर्शनों के लिए मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड लगी रही। निकटवर्ती सांथु गांव की मामा नाडी मे शीतला माता के मेले का आयोजन किया गया। बागरा सहित आसपास के आकोली, धानपुर, नारणावास, बिबलसर, सरत, चूरा, नून, दी गांव व देलदरी सहित कई गांवों में शीतला सप्तमी का पर्व मनाया गया।
पकवानों की महक
आहोर। कस्बे की गलियां मंगलवार को शीतला सप्तमी को लेकर घरों में तैयार किए गए विभिन्न तरह के व्यंजनों से महक रही थी। शीतला सप्तमी को लेकर महिलाएं मंगलवार को दिनभर ठंडा भोजन समेत नाना प्रकार के पकवान बनाने में व्यस्त रही।घरों में महिलाएं अल सुबह से ही इस कार्य में जुटी रही। कस्बे की विभिन्न गलियां तथा मोहल्ले व्यंजनों की महक से सराबोर रही। महिलाओं ने ठंडे भोजन में विभिन्न तरह की मिठाईयां समेत नाना प्रकार की सब्जियां बनाई।
बुधवार को लगेगा माता को भोग
कस्बे में शीतला सप्तमी को लेकर बुधवार को सुबह श्रद्धालु महिलाएं घरों में शीतला माता की पूजार्चना कर माता को ठंडे भोजन समेत विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाएगी तथा परिवार में सुख-समृद्धि की कामना करेगी।
दोपहर होते-होते मेला परवान पर चढ गया। तेज धूप तथा गर्मी के बावजूद लोगों ने लाइन में खडे रहकर शीतला माता के दर्शन किए। मेले में आए हजारों लोगों की भीड को नियंत्रित करने के लिए तैनात पुलिस कर्मी दिन भर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मशक्कत करते रहे। मेले में अपने परिवार जनों के साथ आए बच्चों ने दिन भर कुल्फी, आइसक्रीम तथा अन्य वस्तुएं खाने का लुत्फ उठाया।
बच्चों ने मेले में आई बांसुरी, खिलौने, गुब्बारों सहित कई प्रकार के खिलौने खरीदे। गांवों से आए युवकों ने मेले में आई सजाई गई लाठियों को खरीदा तो कईयों ने अन्य सामान।महिलाओं तथा युवतियों ने बिंदी, झूमके तथा अन्य सौन्दर्य प्रसाधन का सामान खरीदा। मेला परिसर में विभिन्न वस्तुओं की कई दुकानें लगी हुई थी, जहां पर खरीदारी करने वालों की दिन भर भीड लगी रही।
गीत गाते पहुंचे लोग
मेले में सुबह से विभिन्न गांवों के लोग टै्रक्टर ट्रोलियों में सजधज कर परम्परागत वेशभूषा में पहुंचे। गांवों के लोग अपने अपने परिजनों के साथ ट्रैक्टरों में पहुंचे तो सडक पर टै्रक्टरों की लाइन लग गई। ट्रोली में बैठी महिलाएं माता के गीत गा रही थी तो युवक माता के जयकारे लगा रहे थे। गर्मी के चलते कई महिलाओं ने ओढने से छाया भी कर रखी थी।
शीतल शर्बत की व्यवस्था
मेले में गर्मी को देखते हुए विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं की ओर से लोगों के बैठने के लिए छाया तथा शीतल जल व शर्बत की व्यवस्था की गई थी। जहां पर लोगों ने अपनी प्यास बुझाई। कई लोगों ने गलियों में भी लोगों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था की। स्काउटस् कैडेटस् ने भी मेले में व्यवस्थाओं में योगदान दिया।
गेर नृत्य ने मन मोहा
मेला परिसर में विभिन्न गांवों से आए गेरियों ने घुंघरू बांध गीतों पर थिरक कर अपनी कला दिखाई। कई लोगों ने एकल नृत्य कर लोगों का मनोरंजन किया। गेर नृत्य को देखने के लिए लोगों की भारी भीड उमडी।
खरीदा गन्ना
मेले में आने वाले लगभग सभी श्रद्धालुओं ने गन्ना जरूर खरीदा। गन्ना खरीद रहे एक व्यक्ति ने बताया कि गन्ना मेले की पहचान होती है। घर पर मालूम तो रहेगा कि गन्ना है तो मेले में जाकर आए हैं।
कहीं मनाई तो कहीं आज मनेगी शीतला सप्तमी
जिले में कई जगह शीतला सप्तमी का पर्व मंगलवार को मनाया गया तो कहीं बुधवार को मनाया जाएगा। मंगलवार को मनाने वालों में शीतला माता की पूजा अर्चना कर दिनभर ठंडा भोजन ग्रहण किया तो बुधवार को शीतला सप्तमी मानने वालों ने मंगलवार को भोजन तैयार करने में दिन बिताया। मंगलवार को अलसुबह महिलाओं ने जल्दी उठकर शीतला माता को बासोडा का भोग लगाकर दिनचर्या की शुरूआत की। जिले में मंगलवार को शीतला सप्तमी के तहत जिले में कई जगह मेले भरे।
दिन भर लोगों ने अपने घरों में सोमवार शाम बनाए गए ठंडे भोजन से ही अपनी भूख मिटाई। लोगों ने मंगलवार को दिन भर अपने घरों में चूल्हों को ठंडा रखा। इससे पूर्व महिलाओं ने घरों में शीतला माता की पूजा अर्चना कर अपनी-अपनी गलियों तथा मोहल्लों में एक स्थान पर पवित्र जल तथा गेहंू के कण लेकर झुण्ड के रूप में एकत्र होकर बाद शीतला माता की कथा सुनी।
भीनमाल। शीतला सप्तमी के उपलक्ष्य में मंगलवार को घरों में बुधवार के लिए भोजन पकाने का दौर चला। शीतला सप्तमी को लेकर असमंजसता के चलते अघिकांश जगहों पर बुधवार को शीतला सप्तमी मनाई जानी है। मंगलवार को शीतला सप्तमी का सरकारी अवकाश होने से नौकरीपेशा महिलाओं का काफी सुविधा रही। स्थानीय चण्डीनाथ महादेव मंदिर में बुधवार को शीतला माता की पूजा की जाएगी।
मोदरा। क्षेत्र के कई गांवों मंगलवार को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया गया। ठण्डा भोजन खाया तथा शीतला माता की पूजा अर्चना की गई। कुछ जगहों पर बुधवार को शीतला सप्तमी मनाई जाएगी।
बागरा। शीतला सप्तमी को लेकर मंगलवार को गांवो में मेलों का आयोजन किया गया। इस दिन लोगों ने दिन भर ठंडा भोजन किया। शीतला सप्तमी के दिन गृहणियों ने एक दिन पूर्व भोजन बनाकर शीतला माता को भोग लगाया। शीतला माता के दर्शनों के लिए मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड लगी रही। निकटवर्ती सांथु गांव की मामा नाडी मे शीतला माता के मेले का आयोजन किया गया। बागरा सहित आसपास के आकोली, धानपुर, नारणावास, बिबलसर, सरत, चूरा, नून, दी गांव व देलदरी सहित कई गांवों में शीतला सप्तमी का पर्व मनाया गया।
पकवानों की महक
आहोर। कस्बे की गलियां मंगलवार को शीतला सप्तमी को लेकर घरों में तैयार किए गए विभिन्न तरह के व्यंजनों से महक रही थी। शीतला सप्तमी को लेकर महिलाएं मंगलवार को दिनभर ठंडा भोजन समेत नाना प्रकार के पकवान बनाने में व्यस्त रही।घरों में महिलाएं अल सुबह से ही इस कार्य में जुटी रही। कस्बे की विभिन्न गलियां तथा मोहल्ले व्यंजनों की महक से सराबोर रही। महिलाओं ने ठंडे भोजन में विभिन्न तरह की मिठाईयां समेत नाना प्रकार की सब्जियां बनाई।
बुधवार को लगेगा माता को भोग
कस्बे में शीतला सप्तमी को लेकर बुधवार को सुबह श्रद्धालु महिलाएं घरों में शीतला माता की पूजार्चना कर माता को ठंडे भोजन समेत विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाएगी तथा परिवार में सुख-समृद्धि की कामना करेगी।