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Showing posts from February 27, 2011

शिवरात्रि पर बिल्वपत्र चढ़ाने का है विशेष महत्व

भगवान शिव आदि व अनंत है। जिन वस्तुओं को संसार अनुपयोगी या ग्रहण करने योग्य नहीं मानता है जैसे भांग, धतूरा, आंक, बिल्वपत्र वे सभी शिव को प्रिय है यानी शिव वे है जो श्रद्धा से अर्पित किए गए कांटों को भी प्रेम से स्वीकार करते हैं। कहते हैं शिव की पूजा करने से हर तरह का सुख प्राप्त होता है। 2 मार्च को महाशिवरात्रि का महापर्व है। माना जाता है कि इस दिन शिव के पूजन अर्चन से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है। इस दिन शिवजी को पूजन के समय बिल्वपत्र विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं क्योंकि बिल्वाष्टक के अनुसार बिल्वपत्र में तीन पत्र यानी तीन पत्ते होते हैं। जो कि तीन शक्तियों मतलब त्रिदेवों का स्वरूप होते हैं। ऐसी मान्यता है कि शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्ट नष्ट होते हैं। साथ ही इसका एक कारण यह भी है कि बिल्वपत्र एक तरह की औषधी है और यह कई तरह की बीमारियों को मिटाता है। इसे शिव को मंत्रों के साथ अर्पित कर ग्रहण करने से दिल से संबंधित बीमारियों और मधुमेह जैसे रोगों में लाभ मिलता है।

महा शिवरात्रि व्रत का महात्म्य

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फाल्गुन-कृष्ण त्रयोदशी को शिवरात्रि का व्रत होता है। यह शिवजी का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है और इसीलिए इसे महा शिवरात्रि भी कहते हैं। संपूर्ण भारत में इसका प्रचार है। कहीं-कहीं यह फाल्गुन-कृष्ण चतुर्दशी को भी मनाया जाता है। इस व्रत के विधान में प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर अनशन व्रत रखा जाता है और मिट्टी के बर्तन में जल भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, अक्षत आदि डालकर शिवजी को चढ़ाया जाता है। यदि आस-पास शिवमूर्ति न हो तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर उसे पूजने का विधान है। रात को जागरण करके शिव-पुराण का पाठ सुनना-सुनाना, प्रत्येक व्रती का धर्म माना जाता है। दूसरे दिन प्रात:काल जौ, तिल, खीर तथा बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है। इसकी कथा लिंग-पुराण में इस प्रकार है- एक बार कैलाश पर बैठीं हुई पार्वती ने शिवजी से पूछा कि ऐसा कौन-सा व्रत है, जिसके करने से मनुष्य आपके सायुज्य को प्राप्त हो जाता है? यह सुनकर महादेवजी ने कहा कि फाल्गुन-कृष्ण चतुर्दशी को व्रत रहकर प्रदोष-काल में मेरा पूजन करके रात्रि को जो मनुष्य जागरण करता है, वह अनायास ही मेरे सायुज्य को प्राप्त हो

जगह-जगह लगे वसुंधरा के जयकारे

सांचौर :- भाजपा राष्ट्रीय महासचिव वसुंधरा राजे को राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनने के साथ ही भाजपा नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। शहरी, ग्रामीण क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने आतिशी धमकों से अपनी खुशी का इजहार किया। साथ ही साथ मिठाइयां बांटकर एक—दूसरे के मुंह मीठे कराए।

वसुंधरा के नेता प्रतिपक्ष बनने पर खुशी की लहर देवासी

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सरनाऊ सरपंच की तरफ से मिठाइयां बाटी सांचोर:- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रतिपक्ष का नेता चुने जाने पर कस्बे के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। धनजी देवासी सरपंच ने सरनाऊ गाव में कार्यकर्ताओं के साथ मिठाइयां बाटी! धोलाराम विश्नोई भभूताराम देवासी माधाराम देवासी नरीगाराम सावलाराम देवाराम देवासी वागाराम देवासी भाकराराम विश्नोई राजाराम सव्धारिया मह्देवाराम चतरसिंह पालडी और सरनाऊ गाव के लोग एकत्रीत हुए और कार्यकर्ताओं के साथ मिठाइयां बाटी