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Showing posts from October 11, 2009

दिवाली की हार्दिक सुभकामनाये देवासी

दिवाली पर जलें आशाओं के दीप

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दिवाली का त्योहार एक ऐसा त्योहार है जिसे हर इंसान बहुत ही हर्ष और उल्लास से मनाता है। परिवार के सभी लोग जहाँ भी हों दिवाली के दिन अपने परिवारजनों से मिलने पहुँच ही जाते हैं। भारत में ही नहीं विदेशों में बसे भारतीयों के लिए भी यह त्योहार रोशनी और खुशी से भरपूर होता है। इस दिन के लिए तो बच्चे महीनों इंतजार करते हैं। उनके लिए इस त्योहार का मतलब अच्छे कपड़े, पटाखे और मिठाइयाँ होता है। हम सभी में से शायद ही कोई होगा जिसे इस त्योहार का इंतजार नहीं होता। लेकिन एक बार अगर हम अपनी सोच के दायरे को अपनी दुनिया से थोड़ा दूर बढ़ाएँ तो बहुत सी ऐसी चीजें नजर आएँगी, जिनके बारे में हम सोचना ही भूल जाते हैं। हम अपनी और अपने परिवार की खुशियों में इतना खो जाते हैं कि दूसरों के दर्द, दु:ख और गम हमें नजर ही नहीं आते। हमारे लिए दिवाली का मतलब क्या है? यह तो हम समझ ही जाते हैं लेकिन देश के ताजा हालातों के बारे में जरा सोचिए! सोचिए उन परिवारों के बारे में जिन्होंने देश में हुए विभिन्न बम कांडों में अपने परिवार के लोगों को खो दिया! और उन लोगों का क्या जिसने अपने परिवार के एकमात्र कमाई के स्रोत को खो दिया! क्या

तमसो मा ज्योतिर्गमय

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दीवाली अंधेरे को दूर भगाने का त्योहार है। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले इस त्योहार का भारतीय लोकजीवन में विशेष आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। दीवाली की रात दीपक जलाकर हम अपने चारों ओर रोशनी करके अंधेरे पर उजाले की विजय का उत्सव मनाते हैं। अंधेरा असत्य, अन्याय या नकारात्मक पक्ष का सूचक है, वहीं उजाला सत्य, न्याय और सकारात्मक पक्ष का सूचक है। समाज में व्याप्त बुराइयों पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी है दीवाली। यह पर्व सुख और समृद्धि का प्रतीक भी है। इस पर्व का व्यक्तिगत जीवन में भी काफी महत्व है। इस दिन हम दीप जलाकर अन्याय, असत्य और अंधेरे को दूर भगाने के साथ ही मन के मलिन पक्ष को भी स्वयं से दूर करते हैं। उजाला हमारे अंदर सत्य, न्याय और अच्छे गुणों का समावेश करता है। दीवाली स्वच्छता और स्वास्थ्य का भी उत्सव है। इस पर्व का खास आर्थिक महत्व भी है। यह पर्व शीतकाल के प्रारम्भ की सूचना देकर किसानों के अंदर नए फसलों के प्रति उत्साह पैदा करता है। यह पर्व लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है जिससे भाईचारे की भावना बलवती होती है। कई पौराणिक कथाएं भी इस त्योहार से जुड़ी हैं।