चिमनी का उजास निम्बाराम
सांचौर [जालोर], सरनाऊ के रेबारी परिवार में जन्में निंबाराम देवासी का भारतीय प्रशासनिक सेवा में 470वीं रेंक पर चयन हुआ है। देवासी ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हेें बड़े भाइयों से मिली। उन्होंने कहा कि पूरे परिवार व दोस्तों के सहयोग बिना वे शायद मजिंल की सीिढ़यों के बीच में ही अटक जाते। माता-पिता को तो ठीक से यह पता भी नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं। बस उनका आशीर्वाद और विश्वास सदा साथ रहा और वे पढ़ते गए। वे प्रशासनिक सेवा में वचिंत व गरीब मानव की सेवा करने का उद्देश्य लेकर कार्य करेंगे।
ढाणी में बसता है परिवार
सोनाराम देवासी के घर हीरादेवी देवासी की कोख से जन्मे निम्बाराम के परिवार में सांवलाराम व रायचंद दो बड़े भाई व एक बहन मूंगी है। परिवार का मुख्य व्यवस्ााय कृषि व पशुपालन हैं। एक बड़ा भाई मेल नर्स है। गांव की आबादी से करीब तीन किलोमीटर दूर ढाणी में संयुक्त परिवार निवास करता हैं। देवासी ने बताया कि वे प्रतिदिन विद्यालय तक तीन किलोमीटर पैदल चलकर जाया करते थे। उस समय वे चिमनी के उजाले में अध्ययन करते थे।
ऐसे पूरी हुई शिक्षा
देवासी ने प्राथमिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय हुकमा की ढाणी सरनाऊ, उच्च प्राथमिक शिक्षा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सरनाऊ, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालोर से ग्रहण की। कॉलेज शिक्षा राजकीय महाविद्यालय जालोर व एमए राजस्थान विश्वविद्यालय से इतिहास व भारतीय संस्कृति विभाग में पूर्ण की। उन्होंने एमफिल व नेट भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। उन्होंने वर्ष ख्00म् में एसजीएल काबरा टी.टी. कॉलेज जोधपुर से बीएड कर आरपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उनका चयन हुआ। वर्तमान में वे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जैतपुरा (रानीवाड़ा) में तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
गांव में जोरदार स्वागत
देवासी का शनिवार को ग्रामीणों ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। स्वागत में धनजी देवासी सरनाउ ( डेरी आध्यक्ष सरनाउ )सांवलाराम देवासी, नरींगाराम देवासी, महादेवाराम देवासी, हंजाराम देवासी, दरगाराम देवासी, चतराराम, बिजलाराम देवासी, राजुराम कोडका, गजेन्द्रदेवासी, अल्लाह बख्श, हेमाराम मेघवाल, गौतमचंद जैन व रघुनाथ विश्नोई सहित कई लोग उपस्थित थे।
समाज का पहला आईएएस
ढाणी में बसता है परिवार
सोनाराम देवासी के घर हीरादेवी देवासी की कोख से जन्मे निम्बाराम के परिवार में सांवलाराम व रायचंद दो बड़े भाई व एक बहन मूंगी है। परिवार का मुख्य व्यवस्ााय कृषि व पशुपालन हैं। एक बड़ा भाई मेल नर्स है। गांव की आबादी से करीब तीन किलोमीटर दूर ढाणी में संयुक्त परिवार निवास करता हैं। देवासी ने बताया कि वे प्रतिदिन विद्यालय तक तीन किलोमीटर पैदल चलकर जाया करते थे। उस समय वे चिमनी के उजाले में अध्ययन करते थे।
ऐसे पूरी हुई शिक्षा
देवासी ने प्राथमिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय हुकमा की ढाणी सरनाऊ, उच्च प्राथमिक शिक्षा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सरनाऊ, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालोर से ग्रहण की। कॉलेज शिक्षा राजकीय महाविद्यालय जालोर व एमए राजस्थान विश्वविद्यालय से इतिहास व भारतीय संस्कृति विभाग में पूर्ण की। उन्होंने एमफिल व नेट भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। उन्होंने वर्ष ख्00म् में एसजीएल काबरा टी.टी. कॉलेज जोधपुर से बीएड कर आरपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उनका चयन हुआ। वर्तमान में वे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जैतपुरा (रानीवाड़ा) में तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
गांव में जोरदार स्वागत
देवासी का शनिवार को ग्रामीणों ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। स्वागत में धनजी देवासी सरनाउ ( डेरी आध्यक्ष सरनाउ )सांवलाराम देवासी, नरींगाराम देवासी, महादेवाराम देवासी, हंजाराम देवासी, दरगाराम देवासी, चतराराम, बिजलाराम देवासी, राजुराम कोडका, गजेन्द्रदेवासी, अल्लाह बख्श, हेमाराम मेघवाल, गौतमचंद जैन व रघुनाथ विश्नोई सहित कई लोग उपस्थित थे।
समाज का पहला आईएएस