पुरी और अहमदाबाद में रथयात्रा की भव्य शुरुआत
उड़ीसा के पुरी जिले में बुधवार सुबह भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की शुरुआत काफी भव्य और रंगारंग तरीके से की गई। बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों श्रद्धालु भगवान की एक झलक पाने को बेताब दिखे।
यात्रा में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रूपों को पहाड़ी नामक बड़े जुलूस में घुमाया गया। सबसे पहले बलभद्र, फिर सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ को मंदिर के सिंहद्वार से बाहर निकाला गया।
रथयात्रा में चल रहे विशाल रथों में भगवान बलभद्र की प्रतिमा तालध्वज रथ में, सुभद्रा की दर्पदालान में और भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा नंदीघोष में सुशोभित हो रही थीं। इन रथों को सिंहद्वार से बाहर निकाला गया और श्रद्धालु इन्हें खींचते रहे।
हर साल मनाए जाने वाले इस उत्सव को सुबह में विभिन्न अनुष्ठानों के साथ शुरू किया गया। इस दौरान मंगल आरती हुई। मैलम वेषा और सूर्य पूजा आयोजित की गई एवं भोग भी चढ़ाया गया।
यात्रा में 5700 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात थे। केन्द्रीय जाँच एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए समुद्री तटों पर भी गश्त की व्यवस्था की गई थी।
उधर, अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 132वीं रथयात्रा बुधवार सुबह जमालपुर इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जगन्नाथ मंदिर से शुरू हो गई। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतीकात्मक रूप से उस मार्ग को साफ किया जहाँ से भगवान जगन्नाथ, बलराम और उनकी बहन सुभद्रा के रथ गुजरे।
रथयात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। रथयात्रा 14 किलोमीटर लंबे मार्ग से गुजरेगी, जिनमें पुराने शहर के सांप्रदायिक रूप से कुछ संवेदनशील इलाके भी शामिल हैं।
रथयात्रा के मार्ग में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के रथों के दोनों ओर श्रद्धालु कतारबद्ध थे। इन रथों को एक हजार श्रद्धालु खींचेंगे। रथयात्रा में 18 सजे-धजे हाथी और 98 सुसज्जित ट्रक भी भाग ले रहे हैं। मुख्य रथ के पीछे रंग-बिरंगे सजे हाथी, ट्रक, मोटर वाहन, पैदल श्रद्धालु और कलाबाज चल रहे हैं। अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों पर केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों तथा राज्य पुलिस को तैनात किया गया है।
यात्रा में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रूपों को पहाड़ी नामक बड़े जुलूस में घुमाया गया। सबसे पहले बलभद्र, फिर सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ को मंदिर के सिंहद्वार से बाहर निकाला गया।
रथयात्रा में चल रहे विशाल रथों में भगवान बलभद्र की प्रतिमा तालध्वज रथ में, सुभद्रा की दर्पदालान में और भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा नंदीघोष में सुशोभित हो रही थीं। इन रथों को सिंहद्वार से बाहर निकाला गया और श्रद्धालु इन्हें खींचते रहे।
हर साल मनाए जाने वाले इस उत्सव को सुबह में विभिन्न अनुष्ठानों के साथ शुरू किया गया। इस दौरान मंगल आरती हुई। मैलम वेषा और सूर्य पूजा आयोजित की गई एवं भोग भी चढ़ाया गया।
यात्रा में 5700 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात थे। केन्द्रीय जाँच एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए समुद्री तटों पर भी गश्त की व्यवस्था की गई थी।
उधर, अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 132वीं रथयात्रा बुधवार सुबह जमालपुर इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जगन्नाथ मंदिर से शुरू हो गई। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतीकात्मक रूप से उस मार्ग को साफ किया जहाँ से भगवान जगन्नाथ, बलराम और उनकी बहन सुभद्रा के रथ गुजरे।
रथयात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। रथयात्रा 14 किलोमीटर लंबे मार्ग से गुजरेगी, जिनमें पुराने शहर के सांप्रदायिक रूप से कुछ संवेदनशील इलाके भी शामिल हैं।
रथयात्रा के मार्ग में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के रथों के दोनों ओर श्रद्धालु कतारबद्ध थे। इन रथों को एक हजार श्रद्धालु खींचेंगे। रथयात्रा में 18 सजे-धजे हाथी और 98 सुसज्जित ट्रक भी भाग ले रहे हैं। मुख्य रथ के पीछे रंग-बिरंगे सजे हाथी, ट्रक, मोटर वाहन, पैदल श्रद्धालु और कलाबाज चल रहे हैं। अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों पर केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों तथा राज्य पुलिस को तैनात किया गया है।