जयपुर जिसे गुलाबी नगरी
जयपुर जिसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के राजस्थान प्रान्त की राजधानी है। यह प्राचीन रजवाड़ा जिसे जयपुर नाम से जाना जाता था उसकी भी राजधानी थी। इस शहर की स्थापना १७२८ में जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा की गयी थी। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खासियत है। पूरा शहर करीब छह से ज्यादा भागों में बँटा है और यह १११ फुट चौड़ी सड़कों से विभाजित है। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान जयपुर एक देशी रजवाड़े की राजधानी थी और इसपर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ जब इसकी आबादी १६०,००० थी। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन आदि शामिल हैं। भारत के ह्रदय मे बसे राजपूताना नामक प्रदेश राजस्थान और उसकी राजधानी जयपुर, गुलाबी नगरी के नाम से जानी जाती है। जयपुर को भारत का पेरिस कहा जाता है.इस शहर को सवाई जय सिंह ने बसाया था। इस शहर की स्थापना आज से पोने तीन सौ साल पहले की गई थी। यह शहर पूरी दुनिया के लोगों को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है.इस नायाब शहर को बसाने के प्रति सवाई जय सिंह को भी यह आभास रहा होगा,कि वे जिस शहर को बसाने जा रहे हैं,वह सदियोम तक अपनी ख्याति दुनियाम में कायम रख सकेगा। तभी तो इस शहर को सूत से नाप लीजिये,एक बाल के बराबर भी फ़र्क नही मिलेगा,वास्तु के द्वारा यह शहर बसाने के लिये मिर्जा इस्माइल का नाम पहले सफ़े पर लिया जाता है।