दशहरा पर आतंकवादी रूपी राक्षस के पुतले का भी होगा दहन
अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देने वाले त्योहार दशहरा पर लंकाधिपति रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले जलाए जाने के साथ ही इस बार आतंकवाद रूपी राक्षस के पुतले का भी दहन किया जाएगा।
हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा रावण के पुतले बनाने वाली राजधानी दिल्ली के तितारपुर मार्केट के कारीगरों का कहना है कि इस बार लोग रावण,मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों के साथ आतंकवाद रूपी राक्षस के पुतले की भी विशेष मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस विशेष पुतले की भी बाजार में अच्छी-खासी मांग है।
कारीगरों का यह भी कहना है कि ग्राहक इस बार पुतलों को अधिक आकर्षक और सजावटी बनाने की भी मांग कर रहे हैं। उनकी इस मांग को पूरा करने के लिए इस बार पुतलों में विद्युत सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुतलों में बैटरी से चलने वाली लाइटें लगाई जा रही हैं और रंग-बिरंगे डिजाइनों वाले पुतले बनाए जा रहे हैं।
हालांकि रावण का पुतला बनाने में इस वर्ष ज्यादा खर्च आ रहा है क्योंकि पुतलों के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ गई हैं। इसकी वजह से पुतलों के दाम भी बढ़ गए हैं।
हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा रावण के पुतले बनाने वाली राजधानी दिल्ली के तितारपुर मार्केट के कारीगरों का कहना है कि इस बार लोग रावण,मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों के साथ आतंकवाद रूपी राक्षस के पुतले की भी विशेष मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस विशेष पुतले की भी बाजार में अच्छी-खासी मांग है।
कारीगरों का यह भी कहना है कि ग्राहक इस बार पुतलों को अधिक आकर्षक और सजावटी बनाने की भी मांग कर रहे हैं। उनकी इस मांग को पूरा करने के लिए इस बार पुतलों में विद्युत सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुतलों में बैटरी से चलने वाली लाइटें लगाई जा रही हैं और रंग-बिरंगे डिजाइनों वाले पुतले बनाए जा रहे हैं।
हालांकि रावण का पुतला बनाने में इस वर्ष ज्यादा खर्च आ रहा है क्योंकि पुतलों के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ गई हैं। इसकी वजह से पुतलों के दाम भी बढ़ गए हैं।