शिवरात्रि पर बिल्वपत्र चढ़ाने का है विशेष महत्व
भगवान शिव आदि व अनंत है। जिन वस्तुओं को संसार अनुपयोगी या ग्रहण करने योग्य नहीं मानता है जैसे भांग, धतूरा, आंक, बिल्वपत्र वे सभी शिव को प्रिय है यानी शिव वे है जो श्रद्धा से अर्पित किए गए कांटों को भी प्रेम से स्वीकार करते हैं। कहते हैं शिव की पूजा करने से हर तरह का सुख प्राप्त होता है। 2 मार्च को महाशिवरात्रि का महापर्व है।
माना जाता है कि इस दिन शिव के पूजन अर्चन से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है। इस दिन शिवजी को पूजन के समय बिल्वपत्र विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं क्योंकि बिल्वाष्टक के अनुसार बिल्वपत्र में तीन पत्र यानी तीन पत्ते होते हैं। जो कि तीन शक्तियों मतलब त्रिदेवों का स्वरूप होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्ट नष्ट होते हैं। साथ ही इसका एक कारण यह भी है कि बिल्वपत्र एक तरह की औषधी है और यह कई तरह की बीमारियों को मिटाता है। इसे शिव को मंत्रों के साथ अर्पित कर ग्रहण करने से दिल से संबंधित बीमारियों और मधुमेह जैसे रोगों में लाभ मिलता है।
माना जाता है कि इस दिन शिव के पूजन अर्चन से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा होती है। इस दिन शिवजी को पूजन के समय बिल्वपत्र विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं क्योंकि बिल्वाष्टक के अनुसार बिल्वपत्र में तीन पत्र यानी तीन पत्ते होते हैं। जो कि तीन शक्तियों मतलब त्रिदेवों का स्वरूप होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्ट नष्ट होते हैं। साथ ही इसका एक कारण यह भी है कि बिल्वपत्र एक तरह की औषधी है और यह कई तरह की बीमारियों को मिटाता है। इसे शिव को मंत्रों के साथ अर्पित कर ग्रहण करने से दिल से संबंधित बीमारियों और मधुमेह जैसे रोगों में लाभ मिलता है।